5 + बेस्ट कॉमेडी ड्रामा स्क्रिप्ट | Comedy Drama Script in Hindi

हे दोस्तों, कैसे हैं आप सभी लोग। आज के इस पोस्ट में हम आपको Comedy Drama Script in Hindi देने जा रहे हैं, हमें पूरी आशा है कि सभी स्क्रिप्ट्स आपको बहुत पसंद आएगी।

 

 

 

इसे भी पढ़ें — Family Drama Script in Hindi

 

2- Short Comedy Script in Hindi PDF

 

3- 5 + Best Short Hindi Drama Script for Students

 

 

 

( स्क्रिप्ट की शुरुआत ) 

 

 

 

 

 

पात्र 1 – किशुन (कृषक)

 

(परमानेंट किशुन का तकिया कलाम है)

 

पात्र 2 – मोहन (बेरोजगार छात्र)

 

 

समय – जाड़े का महीना (अलाव तापते हुए)

 

 

किशुन – आओ मोहन! अलाव ताप लो, परमानेंट सर्दी है।

 

 

मोहन – परमानेंट नहीं, सिर्फ चार महीने के लिए ही सर्दी है।

 

 

किशुन – चार महीने के बाद संविदा अधिकारी की तरह 8 महीने आराम करेगी सर्दी।

 

 

मोहन – 8 महीने के बाद फिर परेशान करने आ जाएगी सर्दी।

 

 

किशुन – परमानेंट रूप से तंग करने वाले अधिकारी की तरह।

 

 

मोहन – जरा विस्तार से बताओ चाचा। परमानेंट रूप से (मजा लेते हुए)

 

 

किशुन – तुम पढ़े लिखे युवक हो, किसी भी विभाग में जाकर देख सकते हो कई अधिकारी परमानेंट रूप से एक ही जगह जमे हुए है तथा साधारण जनता को परेशान कर रहे है।

 

 

मोहन – हां, चाचा! आप बिल्कुल ठीक कह रहे है। मैंने कई ऐसे अधिकारियो को देखा है जो परमानेंट रूप से एक ही जगह पड़े हुए है। कार्य की शिकायत करने पर कहते परमानेंट रूप से हमारी कुर्सी कोई नहीं हिला सकता है।

 

 

किशुन – ऐसे अधिकारी हटने के बाद अपने बच्चो को उस जगह पर परमानेंट रूप से फिट कर देते है। यह सिलसिला पीढ़ी दर पीढ़ी चलता जाता है।

 

 

मोहन – इस ‘परमानेंट’ की वजह से हमारे जैसे योग्य नौजवान बेरोजगार है।

 

 

किशुन – परमानेंट रूप से अब हमारी बात तुम्हे समझ आ गयी (हंसने लगता है)

 

 

मोहन – अपने गांव के बगल में एक सरकारी कर्मचारी तीन पीढ़ियों से एक ही स्थान पर परमानेंट रूप से जमा हुआ है।

 

 

किशुन – ऐसे ‘परमानेंट’ अधिकारियो के खिलाफ सभी लोगो को परमानेंट रूप से कार्रवाई करनी चाहिए ताकी ईमानदार और बरोजगार लोगो को परमानेंट होने का अवसर मिल सके।

 

 

(मोहन और किशुन हँसते हुए परमानेंट रूप से अपने कार्य में लग जाते है)

 

 

 

2- पात्र 1 – मनोज।

 

 

पात्र 2 – शीला (मनोज की पत्नी)।

 

 

पात्र 3 – खेलावन (लेखपाल)

 

 

(घर का माहौल)

 

 

मनोज – अजी, सुनती हो?

 

 

शीला (मनोज की पत्नी) – क्या बात है, क्यों चिल्ला रहे हो?

 

 

मनोज – अगर तुम्हारी बोहनी हो गयी हो तो हमारी एक बात सुन लो।

 

 

शीला – बोहनी तो आपने (चिल्लाकर) करा दिया, अब बताओ क्या बात है?

 

 

मनोज – आज फिर तहसील में जाना है।

 

 

शीला – खेत का पेपर लेने।

 

 

मनोज – हां!

 

 

शीला – कितनी बार पेपर के लिए तहसील के चक्कर काटने पड़ेगे?

 

 

मनोज – जब तक लेखपाल की ‘बोहनी’ नहीं कराई जाएगी वह हमे खेत के पेपर नहीं देगा।

 

 

शीला – ठीक है, जाओ, आज तीसरी बार जा रहे हो शायद पेपर मिल जाय।

 

 

मनोज – प्रयास तो यही करूँगा कि खेत का पेपर मिल जाय।

 

 

(मनोज का तहसील के लिए प्रस्थान)

 

 

खेलावन (मोहन को देखते ही खुद से बोलता है आ गया दिमाग खाने)

 

 

मोहन – क्या आज भी हमारे खेत का पेपर नहीं मिलेगा?

 

 

खेलावन – अवश्य मिलेगा, परन्तु आप बोहनी तो कराइये।

 

 

मोहन – आप सरकारी आदमी है, सरकार आपको ‘पगार’ देती है फिर यह ‘बोहनी’ किस बात की।

 

 

खेलावन – हम सरकारी नुमाइंदे है सरकारी काम करने के लिए पगार लेते है लेकिन जनता के काम के लिए बोहनी तो मिलनी ही चाहिए।

 

 

मोहन – सोच लो खेलावन, कही बिना बोहनी के ही पेपर न देना पड़ जाय।

 

 

खेलावन – धमकी दे रहे हो।

 

 

मोहन – अपना विचार बता रहा हूँ।

 

 

(दोनों की तू तू मैं मैं को अगल बगल वाले सभी तमाशा देख रहे है)

 

 

मोहन – खेलावन, मैं जा रहा हूँ पेपर तैयार रखना।

 

 

खेलावन – पेपर तैयार है बिना बोहनी कराये पेपर नहीं मिलेगा।

 

 

(मोहन के दिमाग में एक आइडिया आता है)

 

 

मोहन – घर आ गया (चेहरा उदास है)

 

 

शीला (मोहन से) – लगता है आज भी लेखपाल ने टरका दिया।

 

 

मोहन – हां, खेलावन बिना बोहनी के मानता ही नहीं।

 

 

शीला – कल मैं आपके साथ तहसील चलूंगी।

 

 

मोहन – मैं तुमसे यही कहने वाला था।

 

 

(दूसरे दिन तहसील में मोहन और शीला को देखकर खेलावन सोचने लगा आज कुछ गड़बड़ है)

 

 

मोहन (खेलावन के पास जाकर) – अरे खेलावन भाई, हमारे खेत का पेपर दे दो।

 

 

खेलावन – मैंने आपसे कितनी बार कहा कि पहले बोहनी कराओ।

 

 

मोहन (शीला से) – खेलावन बोहनी के लिए कह रहा है।

 

 

शीला – बोहनी करानी पड़ेगी, तभी पेपर मिलेगा।

 

 

खेलावन – हां, देवी जी।

 

 

शीला (अपने पैर से चप्पल निकालकर हाथ में लेती है) – फिर खेलावन से पूछती है कितनी बोहनी चाहिए।

 

 

खेलावन (शीला के रूप को देखकर) – आप पेपर लीजिए और यहां से जाइये।

 

 

मोहना शीला दोनों खुश होकर अपने खेत का पेपर लेकर चले जाते है।

 

 

(आस पास के सभी लोग हंसने लगते है)

 

 

 

Note- आप लोग इस ड्रामा स्क्रिप्ट को किसी प्ले और नाटक के लिए प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन आपको कमेंट बॉक्स में इसकी इज़ाज़त लेनी होगी और आप इन स्क्रिप्ट को किसी ब्लॉग या वेबसाइट पर नहीं लिख सकते हैं। 

 

 

 

आशा है आपको यह स्क्रिप्ट जरूर पसंद आयी होगी और इस तरह की स्क्रिप्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

 

Related Post

4 thoughts on “5 + बेस्ट कॉमेडी ड्रामा स्क्रिप्ट | Comedy Drama Script in Hindi”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!