क्या हाल दोस्तों ? सब मजे में, आज फिर से मैं हाजिर हूँ एक और धमाकेदार स्क्रिप्ट के साथ, आज के पोस्ट में हम आपको Hasya Natak Script PDF देने जा रहे हैं, आप इसे नीचे पढ़ सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं और आप यहां से 15 +Comedy Script in Hindi Pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं।
पात्र 1 – बखेडू (वृद्ध आदमी)
पात्र 2 – रमेश (बखेडू का लड़का)
पात्र 3 – गुंजन (रमेश की पत्नी)
पात्र 4 – सुरेश (बखेडू का छोटा लड़का)
पात्र 5 – माधुरी (सुरेश की पत्नी)
स्थान – गांव का माहौल वाला बखेडू का घर (सब सामान अस्त व्यस्त)
बखेडू (बिना नाम लिए सबको कहता है) कितनी बार कहते हुए थक गया हूँ लेकिन कोई भी सुनता ही नहीं है।
सुरेश – क्या हुआ बाबूजी! आप क्यों परेशान है?
बखेडू – सब सामान इधर उधर बिखरा पड़ा है कोई भी मेरी बात नहीं सुनता है किसी दिन चार चक्र चला दूंगा तब समझ में आएगा।
गुंजन – आप यह चार चक्र की धमकी मत दिया करो चला ही दो, जो होगा उसे भी देख लेंगे।
बखेडू – तुम बहुत ज्यादा बोलती हो, तुम्हे ही समझ में आएगा।
रमेश (हंसते हुए) – क्यों बाबूजी को क्यों परेशान कर रही हो?
(दोनों हंसते हुए वहां से हट जाते है सुरेश और माधुरी दोनों मिलकर सब सामान यथा स्थान रख देते है)
बखेडू (खुद से कहता है) – अब कितना सुंदर लग रहा है यह घर।
माधुरी – यह आपके चार चक्र का असर है।
(बखेडू, सुरेश, माधुरी हंसने लगते है)
रमेश (गुंजन से) – यह चार चक्र क्या बला है?
गुंजन – वही तो मैं भी समझने का प्रयास कर रही हूँ ऐ बुढऊ बार बार चार चक्र की बात करते है।
रमेश (गुंजन से) – चुप रह बुढऊ बुढऊ कर रही है सुन लेंगे तो चार चक्र की शामत आ जाएगी।
(किसी बात पर एक दिन गुंजन और माधुरी के बीच तकरार हो गयी)
(बखेडू काफी देर तक दोनों की तकरार सुनने के बाद बोले)
बखेडू – गुंजन और माधुरी तुम दोनों यह किचकिच बंद करो नहीं तो हमे चार चक्र चलाना पड़ेगा।
(बखेडू की बात सुनकर दोनों शांत हो जाती है लेकिन चार चक्र गुंजन और माधुरी को परेशान कर देता है)
(सुबह बखेडू अपने दरवाजे पर चारपाई डालकर बैठे है। माधुरी उनके पास आकर चार चक्र के विषय में पूछने लगती है)
बखेडू – समय आने पर चार चक्र का पता लग जायेगा।
(एक दिन घर में कलह होने पर बखेडू ने बिना किसी को कुछ बताये एक पोखरे पर पेड़ की छाया में जा बैठा। उसके पास चार मोटी रोटी, एक बड़ी मूली और एक लोटे में गुड़ था)
रमेश (सुरेश से) – बाबूजी कहां गए?
सुरेश (चौकते हुए) – घर पर नहीं है क्या?
गुंजन और माधुरी बोली – अभी रात को खाना खाकर सोये हुए थे सुबह कहां चले गए?
(घर में सभी लोग बखेडू के लिए परेशान हो गए)
रमेश (गुंजन को) – तुमने ही बाबूजी को कुछ कहा होगा तुम्हे ही ज्यादा चार चक्र की फ़िकर रहती थी अब भुगतो।
सुरेश (माधुरी से) – दोनों दिन पहले तुम दोनों ने बाबूजी के सामने ही किचकिच किया था इसलिए कही चले गए होंगे।
(धीरे धीरे बात पूरे गांव में फ़ैल गयी कि बखेडू कही चले गए, सभी लोग परेशान थे, तभी एक बालक आकर बोला मैंने बाबा को पोखरे पर देखा है। किसी अनहोनी की आशंका से रमेश पोखरे र गया तो देखा बखेडू आराम से सो रहे है)
रमेश (डरते हुए) – बाबूजी घर चलो।
बखेडू – जब तक चार चक्र नहीं चलाऊंगा, जड़ मूल से नहीं खाऊंगा, गुड़वा धोवन नहीं करूँगा तब तक घर जाने का सवाल ही नहीं है।
(रमेश घर चला गया, गुंजन पूछती है, रमेश सब बात बता देता है)
सुरेश (पोखरे पर) – बखेडू से घर जाने के लिए कहता है। बखेडू बोलता है चार चक्र चलाने के बाद, जड़ मूल से खाने के बाद, गुड़वा धोवन करके ही घर जाऊंगा। सुरेश भी हारकर चला जाता है।
माधुरी (सुरेश से) – बाबूजी से क्या बात हुई, सुरेश पूरी बात बता देता है।
(माधुरी थोड़ा दिमांग लगाते हुए कहती है अब मैं जा रही हूँ। गुंजन की तो हिम्मत ही नहीं पड़ती है)
माधुरी (पोखरे पर बखेडू के पास) – बाबूजी घर चलो! सब लोग परेशान है।
बखेडू – चार चक्र चलाकर, जड़ मूल से खाकर, गुड़वा धोवन करके ही हम घर चलेंगे।
(माधुरी सोचने लगी हम लोग भी चार है क्या हम लोगो को बाबूजी खत्म करना चाहते है फिर जो होगा सो देखा जायेगा)
माधुरी (हिम्मत करके) – ठीक है! आप चार चक्र चलाइये, जड़ मूल से खाइये, गुड़वा धोवन भी करिये परन्तु मैं आपको घर लेकर ही चलूंगी।
बखेडू (खुश होते हुए) – चार रोटी, एक मूली निकालकर खाता है फिर गुड़ का शरबत बनाकर पीने के बाद ख़ुशी ख़ुशी माधुरी के साथ घर चला जाता है।
Hasya Natak Script Download
दोस्तों, हमें पूरी उम्मीद है कि यह मजेदार स्क्रिप्ट आपको बेहद पसंद आयी होगी और इसी तरह की स्क्रिप्ट्स के लिए इस वेबसाइट पर आते रहिये।