आखिरी मौक़ा | Short Film Story Script in Hindi

आज की हमारी Short Film Story Script in Hindi सामाजिक समस्या पर आधारित है। इस स्टोरी का नाम आखिरी मौक़ा रखा गया है, आप इसे नीचे पढ़ सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

पात्र 1 – विनय।

 

 

पात्र 2 – धीरज।

 

 

पात्र 3 – चंदन।

 

 

पात्र 4 – शीतल।

 

 

स्थान – एक पार्क में विनय बैठा हुआ कुछ सोच रहा था क्रमशः धीरज, चंदन और शीतल का आगमन चारो मध्यम वर्गीय लोग है।

 

 

धीरज (विनय से) – आप आज जल्दी यहां आ गए।

 

 

विनय – हां, कोई काम तो है नहीं, यही बैठकर अतीत की बाते याद कर रहा हूँ।

 

 

शीतल – अब पछताए क्या होत, जब चिड़िया चुग गयी खेत। अतीत की बाते याद करने से क्या फायदा?

 

 

चंदन – तुम ठीक कहती हो शीतल! अतीत की बातो को याद करके दर्द के सिवाय और क्या मिलेगा? समस्याओ का समाधान तो होगा नहीं?

 

 

धीरज – सदियां गवाह है कि जिसने सबको छोड़कर अलग रास्ता चुन लिया सफल भी वही हुआ है।

 

 

विनय – अगर सफल हो गया तो ठीक नहीं तो फिर पुराने घरौंदे पर लौटकर उपहास का पात्र बनना पड़ेगा।

 

 

चंदन – यही अगर मगर सोचकर आदमी अपना भविष्य खराब कर लेता है।

 

 

विनय – चंदन तुम ठीक कहते हो, इसका सबसे बड़ा उदाहरण तुम्हारे सामने मौजूद है।

 

 

चंदन – हमारे सामने कौन सा ‘उदाहरण’ है।

 

 

विनय – मैं स्वयं एक उदाहरण हूँ?

 

 

शीतल – मैंने स्वयं विनय को देखा है कैसे इसने सामाजिक समस्याओ से निपटने में खुद को होम कर दिया जबकि इनके पास दो बच्चे भी थे।

 

 

(दूर कही गाना बजता है – प्यार करने के मौसम बहुत है मगर जान देने ऋतु रोज आती नहीं)

 

 

विनय – आप सभी लोग इस दूर बज रहे गाने को सुन रहे है ना।

 

 

सभी का सम्मिलित स्वर – हां।

 

 

चंदन (विनय से) – लेकिन इस गाने से तुम्हारा क्या मतलब है?

 

 

विनय – यही मतलब है कि अगर मैंने सामाजिक समस्याओ से लड़ने का साहस नहीं दिखाया होता तब न जाने कितने मोती बिखर गए होते।

 

 

शीतल – तुम्हारा प्रयास बेकार हो गया विनय।

 

 

विनय – पछतावा इसी बात है शीतल।

 

 

धीरज – जिंदगी सभी लोगो को मौका देती है क्या तुम्हे मौका नहीं मिला।

 

 

विनय – बहुत मौका मिला, एक नहीं दो-दो बार मौका मिला लेकिन मैंने उन मौको को सामाजिक समस्याओ से निपटने में गवां दिया।

 

 

(विनय सिर नीचे करके बैठा है, धीरज, चंदन, शीतल विनय के हालात पर दुखी है)

 

 

विनय (उठते हुए आत्मगौरव के भाव के साथ कहता है) – तीनो उसके चेहरे की तरफ देखते है।

 

 

धीरज – क्या बात है, इतने उत्तेजित क्यों हो।

 

 

विनय – देखना धीरज! हमारे पास एक मौका और आएगा जो हमारे लिए तीसरा मौका होगा।

 

 

शीतल – हम लोगो को विश्वास है कि तुम यह तीसरा मौका सामाजिक समस्याओ से निपटने में जाया नहीं करोगे।

 

 

चंदन – यह सामाजिक समस्याएं सदैव थी सदैव है और सदैव रहेगी।

 

 

विनय – कितनी भी सामाजिक समस्याएं होने दो अब हमे आखिरी मौका नहीं गंवाना है।

 

 

धीरज – सामाजिक समस्या तो सभी लोगो की समस्या है फिर अकेले ही क्यों मरना।

 

 

शीतल – तुम ठीक कहते हो धीरज! जब तक सभी का सहयोग नहीं होगा इन सामाजिक समस्याओ से निजात नहीं मिलने वाली है।

 

 

चंदन (विनय से) – तुम्हारी आधी से ज्यादा उम्र निकल गयी, पृथ्वीराज की तरह आखिरी मौके को भी मत चूकना नहीं तो जीवन नर्क बन जायेगा।

 

 

(सभी लोग विनय को हौसला देते हुए कहते है कभी नहीं चूकना है, समय काफी हो गया था सभी लोग पार्क से चले जाते है)

 

 

 

इसे भी पढ़ें – सामाजिक समस्या पर नुक्कड़ नाटक Script हिंदी में

 

 

 

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