दहेज प्रथा पर नाटक PDF | Dahej Pratha Par Natak PDF

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2 – 2+ पानी बचाओ” पर एक नाटक

 

3- भूख | Hindi Drama Script on Social Issues

 

 

 

कैरेक्टर 1 – रागिनी ( बहू )

 

कैरेक्टर 2 – प्रशांत ( रागिनी का पति )

 

कैरेक्टर 3 – श्यामबिहारी ( रागनी के पिता )

 

कैरेक्टर 4 – निशा ( रागिनी की माता )

 

करेक्टर 5 – मीना ( प्रशांत की माँ )

 

करेक्टर 6 – मुकेश ( प्रशांत के पिता )

 

 

( रागिनी और प्रशांत का विवाह हुआ है और विवाह के एक हफ्ते बाद से ही रागिनी के ससुराल वाले उसे दहेज़ के लिए परेशान कर रहे हैं और आज विवाह को 1 महीने पूरे हो गए हैं। )

 

 

 

मीना ( तेज आवाज में )- बहू ओ बहू, कहाँ मर गयी।

 

बहू – जी माँजी।

 

मीना – तेरे पापा दहेज़ के 5 लाख कब देंगे?

 

बहू ( बहुत ही निराश मन से ) – मेरे पापा इतना पैसा कहाँ से दे पाएंगे? उन्होंने किसी तरह से तो मेरा विवाह किया है।

 

मीना – वह सब मुझे नहीं पता, खेत बेचे या कुछ करें, मुझे पैसे चाहिए।

 

बहू – पर वो कहाँ से दे पाएंगे इतने पैसे ?

 

मीना – प्रशांत बेटा ओ प्रशांत बेटा।

 

प्रशांत – जी माँ।

 

मीना – देख तेरी पत्नी कैसे मुझसे जुबान लड़ा रही है।

 

प्रशांत ( तेज आवाज में ) – रागिनी, यह क्या बदतमीजी है। तुम माँ से जुबान लड़ा रही हो ?

 

रागिनी ( बहू ) – नहीं, मैं जुबान नहीं लड़ा रही थी…

 

मीना ( बीच में ही बात काटकर प्रशांत से ) – सरासर झूठ बोल रही है। वह सब छोड़ बेटा, पहले बहू से यह पूछ इसके पापा दहेज़ के ५ लाख कब देंगे ?

 

प्रशांत रागिनी से – अपने पापा से बात करो, वो पैसे कब देंगे, नहीं तो मैं तुम्हे धक्के मारकर घर से निकाल दूंगा।

 

(  रागिनी अब बहुत परेशान हो चुकी थी। उसने अपने पापा से पूरी बात बताई। फिर एक दिन…)

 

मीना – अरे, गाँव में किसी के घर शादी भी नहीं है तो यह बैंड – बाजा कहाँ बज रहा है ?

 

( रागिनी को छोड़कर उसके परिवार के सभी लोग बरामदे में आ जाते हैं और देखते हैं कि रागिनी के पापा बैंड – बाजे और बारातियों के साथ आ रहे हैं और उनके साथ कुछ रिपोर्टर भी हैं…घर पर आने के बाद…)

 

श्यामबिहारी मीना से – कहाँ है मेरी बेटी ? उसे बुलाइये। मैं उसे ख़ुशी – ख़ुशी लेने आया हूँ। मैं आप जैसे दहेजलोभियों के घर मुझे अपनी बेटी नहीं रखना है। मैं जिस सम्मान से अपनी बेटी को विदा किया था अब उसी सम्मान के साथ ले जाने आया हूँ।

 

( रिपोर्टर वीडियो बना रहे हैं। )

 

मुकेश ( हाथ जोड़कर ) – देखिये समधी जी मैंने हमेशा ही इस मामले में अपने परिवार का विरोध किया है। मैं इस मामले में आपके साथ हूँ। आपको पूरा हक़ है कि आप अपनी बेटी को ले जाएँ। मुझे यह भी लग रहा है कि अब इन लोगों को सबक मिल गया होगा और अगर नहीं मिला होगा तो वीडियो वाइरल होते ही मिल जाएगा। कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे ये लोग।

 

 

मीना और प्रशांत ( मीडिया के सामने हाथ जोड़ते हुए ) – हमें माफ़ कर दो। अब हम कभी भी दहेज़ की मांग नहीं करेंगे और हम कोर्ट से लेकर थाने तक में शपथपत्र भी देने को तैयार है।

 

 

 

( उसके बाद श्यामबिहारी ने अपनी बेटी से पूछा और उसने भी ससुराल में रहने की रजामंदी जताई और उसके बाद सारे कागजी खानापूर्ति की गयी और सभी लोग अच्छे से रहने लगे।

 

 

 

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