पारिवारिक ड्रामा स्क्रिप्ट | Family Drama Script in Hindi

हे दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम आपको Family Drama Script in Hindi देने जा रहे हैं, आप इसे नीचे पढ़ सकते हैं और आप इस स्क्रिप्ट को अपने प्ले या यूट्यूब के लिए प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन आप इस स्क्रिप्ट का प्रयोग किसी ब्लॉग या वेबसाइट के लिए नहीं कर सकते हैं।

 

 

 

 

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( नाटक की शुरुआत )

 

 

 

 

 

पात्र 1 – बुधिराम (किसान)

 

 

पात्र 2 – मालती (बुधिराम की पत्नी)

 

 

पात्र 3 – रामपाल (मास्टर)

 

 

पात्र 4 – गोलू (रामपाल का लड़का)

 

 

स्थान – देहात के घर का वातावरण।

 

 

बुधिराम – अरे गोलू——- कुछ लिख पढ़ ले, क्यों दिनभर निठल्ले लड़को के साथ घूमता रहता है?

 

 

मालती – छोटा बच्चा है, घूमेगा नहीं तो क्या करेगा?

 

 

बुधिराम (गोलू को) – इसे सभी बच्चो के साथ स्कूल जाना चाहिए इधर उधर घूमने से अच्छा है कि स्कूल का तौर तरीका मालूम होता।

 

 

गोलू – दो दिन गया था स्कूल में मास्टर कुछ बताते ही नहीं?

 

 

बुधिराम – मास्टर क्यों नहीं बताते है?

 

 

गोलू – कहते है, पहले अपना नाम स्कूल में लिखवाओ।

 

 

मालती (बुधिराम से) – मैं आपसे पहले ही कहती थी गोलू का नाम स्कूल में लिखवा दो लेकिन आपको खेती किसानी से फुरसत कहां है?

 

 

(मालती बड़बड़ाती है, खुद तो अनपढ़ गंवार है लड़के को भी वैसा ही बनाएंगे)

 

 

बुधिराम (मालती की बात सुन लेता है) मैं तो अनपढ़ गंवार हूँ तुम तो साक्षर हो ना, गोलू को साक्षर बनाने का प्रयास किया कभी?

 

 

(मालती को अपनी गलती का एहसास हो गया)

 

 

मालती – ठीक है, मैंने साक्षर होते हुए भी गोलू के ऊपर ध्यान नहीं दिया लेकिन अब तो आप गोलू का नाम स्कूल में लिखवा दो।

 

 

(दूसरे दिन बुधिराम गोलू को लेकर प्राथमिक विद्यालय में लेकर जाता है विद्यालय में रामपाल सभी को पढ़ा रहा है)

 

 

बुधिराम – प्रणाम मास्टर जी।

 

 

रामपाल – साक्षर बनो! कहो कैसे आना हुआ?

 

 

बुधिराम – अब साक्षर बनने की हमारी उम्र निकल गयी पर हमारे लड़के को आप साक्षर बनाइये।

 

 

रामपाल – अवश्य बनाएंगे पहले इसका नाम लिखवा दो।

 

 

(नाम लिखाने की प्रक्रिया पूरी होती है)

 

 

बुधिराम – मास्टर जी, अब मैं चलता हूँ गोलू के ऊपर ध्यान दीजियेगा।

 

 

रामपाल – यहां पर सबके ऊपर ही पूरा ध्यान दिया जाता है परन्तु इसे विशेष रूप से साक्षर बनाने के लिए हमारे घर पर भेज दिया करो।

 

 

बुधिराम (हिचकिचाते हुए) – लेकिन——

 

 

रामपाल – तुम चिंता मत करो, घर पर मैं 10 बच्चो को निःशुल्क ही साक्षर बनाता हूँ उसमे तुम्हारा भी बच्चा साक्षर बनेगा।

 

 

बुधिराम – इस कार्य के लिए आपको धन्यवाद।

 

 

रामपाल (आशीर्वाद देते हुए कहते है) साक्षर बनो।

 

 

 

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