7 + हिंदी ड्रामा स्क्रिप्ट | Hindi Drama Script For Children

हेलो दोस्तों, आशा है सभी लोग बहुत बढियाँ होंगे। आज के पोस्ट में हम Hindi Drama Script For Children देने जा रहा हूँ, आप नीचे इसे पढ़ सकते हैं।

 

 

 

इसे भी पढ़ें — Best 2 + Short Drama Script in Hindi on Pollution

 

2- बाल विवाह पर नाटक Pdf

 

3- 3 + नुक्कड़ नाटक स्क्रिप्ट इन हिंदी PDF

 

4- 2+ पानी बचाओ” पर एक नाटक

 

5- भूख | Hindi Drama Script on Social Issues

 

6- जन्मदिन का गिफ़्ट | Hindi Skit Script On Moral Values

 

 

पात्र 1 – रधिया काकी

 

पात्र 2 – शीला

 

पात्र 3 – मोहन (शीला का छोटा भाई)

 

स्थान – घर (समय सुबह)

 

 

 

 

 

 

रधिया काकी (अपनी पोती शीला को जगाते हुए कहती है) – अरे, शीला! उठ सुबह हो गयी है। घर के कमरे में साफ सफाई कर दे, उसके बाद खाना और नाश्ता भी तो बनाना है।

 

 

शीला (आंख मीजते हुए आलस के साथ उठती है तथा थोड़ा तल्ख लेकिन धीमे स्वर में बोलती है) – इस बुढ़िया को जब देखो, नाश्ता, खाना और झाड़ू के सिवाय कुछ सूझता ही नहीं। इस बुढ़िया ने कभी भी नहीं कहा कि पढ़ लिया करो।

 

 

(रधिया कान की तेज थी उसने शीला की बात सुन लिया)

 

 

रधिया – तू पढ़कर क्या करेगी? कलक्टर तो बनेगी नहीं, अगर घर के काम में निपुण हो जाएगी तो सभी लोग तुझे पलको पर रखेंगे —– पलको पर।

 

 

(शीला और रधिया की बात से मोहन की नींद खुल गयी। वह चुपचाप स्कूल बैग लेकर पढ़ने बैठ गया जबकि उसका जी अभी सोने को कह रहा था)

 

 

शीला (घर का कार्य करते हुए कहती जा रही थी) – बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद?

 

 

( मोहन  शीला की बात सुनकर हंस पड़ा। )

 

 

रधिया काकी (मोहन को हँसते हुए देखकर) – तू पढ़ने बैठा है या हंसने? नहीं पढ़ना है तो जाकर जानवरो को चारा पानी कर।

 

 

( मोहन घूरकर रधिया को देखने लगा। उसे रधिया के ऊपर बहुत क्रोध आ रहा था जो उसकी दीदी को पढ़ने का अवसर नहीं दे रही थी)

 

 

( मोहन स्कूल से आते समय कुछ सोच रहा था – सहसा उसके दिमांग में एक तरकीब सूझी )

 

 

शीला – स्कूल से आकर घर के काम में लग गयी, साथ ही स्कूल मे पढ़ाये हुए विषय को मन में याद भी करने लगी।

 

 

रधिया – मोहन स्कूल से आ गया है उसे नाश्ता दे देना शीला।

 

 

मोहन (रधिया से) – हमे अभी नाश्ता नहीं करना है, पहले मैं आपको एक छोटी सी बात बताना चाहता हूँ?

 

 

रधिया – अच्छा, बताओ क्या बात है?

 

 

मोहन – हमारे बगल के गांव की लड़की सुषमा पूरे स्कूल में पहले स्थान पर आयी है।

 

रधिया – तो मुझे क्या करना है?

 

मोहन – पूरी बात तो सुनो।

 

रधिया – ठीक है, पूरी बात बताओ।

 

मोहन – सुषमा को अभी से ही सरकारी सहायता मिल रही है पढ़ने के लिए तथा एक कम्पनी ने उसे 20 हजार की नौकरी देने का एलान किया है।

 

रधिया (चौकते हुए) – बीस हजार रुपये।

 

मोहन – हां, पूरे बीस हजार रुपये इसके साथ रहने खाने की व्यवस्था अलग।

 

रधिया (कुछ सोचते हुए) – तो हमारी शीला क्या कम है?

 

रधिया – शिला! अरे शीला! कहां है तू?

 

शीला – क्यों चिल्ला रही है आप?

 

रधिया – अरे बेटी! तू यह चौका बर्तन छोड़ और आज से पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान दे शिक्षा बहुत ही जरुरी है।

 

(रधिया का बदला रूप देखकर शीला और मोहन खुश हो गए।)

 

 

आशा है कि आपको यह पोस्ट बहुत पसंद आयी होगी, इस तरह की पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और आप इस स्क्रिप्ट का प्ले में प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन आप इसे ब्लॉग या वेबसाइट के लिए प्रयोग नहीं कर सकते हैं।

 

 

 

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!