भूख | Hindi Drama Script on Social Issues ( 2024 )

इस पोस्ट में हम आपको Hindi Drama Script on Social Issues देने जा रहे हैं, जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं और इसका आप प्ले में प्रयोग भी कर सकते हैं, लेकिन आप इसे किसी वेबसाइट के लिए कॉपी नहीं कर सकते हैं।

 

 

 

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सीन 1 

 

 

( मिस्टर भूरालाल ( नाम काल्पनिक ) के यहां दावत में खूब महफ़िल सजी है। एक से बढ़कर एक पकवान बनकर तैयार हैं और उन पकवानों की ख़ुशबू भूख को और भी ज्यादा बढ़ा रही है। )

 

 

 

सीन २

 

 

( कमला का झपड़ीनुमा घर, एक तरह से उसे घर भी नहीं कह सकते। कमला के पति घूरे की भूख से हालत खराब है। कमला और उसके पति ने कई दिनों से खाना नहीं खाया है। )

 

 

घूरे एकदम कांपती आवाज़ में – कमला…अब रहा नहीं जा रहा….लगता है यह भूख जान ले ही लेगी और जान ले ही ले तो अच्छा है। इस जीने से अच्छा तो मर जाना बेहतर है।

 

 

( यह कहकर भूरा रोने लगता है )

 

कमला – अरे ऐसे काँहे बोलते हैं जी। आज भूरालाल सेठ के यहां दावत है। अंत में कुछ न कुछ तो मिलेगा ही। ज़रा धीरज धरिये।

 

घूरे  – ना…अब समय नहीं बचा है।

 

कमला – ज़रा धीरज धरिये। मैं कुछ करती हूँ।

 

( और कमला तेजी से भूरालाल के घर की तरफ भागती है )

 

 

सीन 3 

 

 

( भूरालाल के लोग दावत का लुफ्त उठा रहे )

 

 

और रमेश जी क्या व्यवस्था की है भूरालाल जी ने। गजबे का स्वादिष्ट भोजन है।

 

रमेश जी – हां उमेश जी, अरे यह इमिरतिया तो खाइये। गजब का स्वाद है, एकदम देशी घी में बनी है।

 

( तभी कमला उस महफ़िल में आ जाती है और उसे देखते ही सब अमीरजादे उसे भगाने लगते हैं। कुछ तो ऐसे मुँह बिदकाने लगते हैं जैसे वह किसी दूसरे ग्रह की हो। )

 

कमला – बाबूजी, एकदम थोड़ा सा खाना दे दीजिये। हमारा पति कई दिनों से भूखा है साहब। बस थोड़ा सा….

 

व्यवस्थापक – अरे जाओ बाहर बैठो, बाद में बजेगा तो दे देंगे।

 

कमला – साहब तब तक वह मर जाएंगे…मर जाएंगे साहब

 

( कमला जोर – जोर से रोने लगती है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता है। उसे भगा दिया जाता है धक्के मारकर। बाहर वह इन्तजार करती है। )

 

( काफी रात तक प्रोग्राम चलता है। बाद में ढेर सारा खाना बच जाता है, जिसे कचरे में फेंक दिया जाता है। कमला उस खाने को ऐसे समेटती है, जैसे वह नयी जिंदगी को समेट रही हो। वह भागी – भागी अपने घर को जाती है। )

 

 

सीन 4 

 

 

( वहाँ का नजारा देखकर वह दहाड़ मारकर रोने लगती है। घूरे की मौत हो गयी थी। उसके हाथ से खाना छूट जाता है और उसकी भी मृत्यु हो जाती है। अगले दिन अखबार में खबर छपती है भूख से लडपकर पति – पत्नी की मौत। कुछ लोग अफ़सोस जताते है, कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाता है और फिर सबलोग सबकुछ भूल जाते है। )

 

 

 

 

 

 

अब कलाकार दर्शको से मुखातिब होते हुए 

 

 

क्या आप लोग भी भूल जाएंगे ? क्या आप भी ऐसे ही खाने बर्बाद करेंगे और घूरे – कमला जैसे लोग मरेंगे ? नहीं आप ऐसा न करें। भोजन बचाये और जरुरतमंदो को भोजन पहले दें। शायद आपको पता होगा कि पुरे विश्व में एक बहुत बड़ी आबादी भूखे सोती है। आप भोजन का सम्मान करें और उसे खराब न करें। खराब होने की अपेक्षा उसे गरीबों में दान करें। बहुत सी ऐसी संस्थाए हैं जो किसी भी पार्टी, दावत के बचे हुए भोजन को ले जाती है और उन्हें गरीबों में बाटती है, आप उन्हें भोजन दें।

 

 

 

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