और दोस्तों, क्या हाल – चाल। आज हम आपके लिए Street Play Scripts in Hindi लेकर आये हैं। यह बहुत ही बढियाँ प्ले है। आप इसे नीचे पूरी तरह से पढ़ सकते हैं।
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3- बेस्ट ऐंकरिंग स्क्रिप्ट PDF
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पात्र 1 – रघु (गांव के समीप बाजार में नौकरी करता है)
पात्र 2 – दिनेश (दिल्ली में आजीविका कमाता है)
पात्र 3 – परेश (स्कूल का छात्र है)
स्थान – गांव का परिवेश (मार्च अप्रैल का महीना)
रघु (बाजार में नौकरी करने जा रहा है) – सामने दिनेश दिखाई पड़ता है।
दिनेश – प्रणाम रघु चाचा।
रघु – जीते रहो बेटा! क्या हाल चाल है? दिल्ली से कब आये हो?
दिनेश – दिल्ली से आज ही आया हूँ, रही बात हाल चाल की तो हाल अच्छे नहीं है पर चाल ठीक है।
रघु – तुम पहेलियाँ खूब बुझाते हो साफ साफ कहो।
दिनेश – चाचा, मैं जहां रहता हूँ दिल्ली में वहां प्रदूषण की वजह से हालात ठीक नहीं है, सभी लोग अनेक रोगो से पीड़ित है। सांस लेने लायक हवा भी नहीं मिल रही है सो हमने सोचा दो महीने के लिए गांव घूम आते है।
रघु – हवा तो गांव में भी दूषित हो गयी है परन्तु शहर की अपेक्षा यहां के हालात ठीक है।
रघु (दिनेश से) – अच्छा अब चलता हूँ।
दिनेश – कहां जा रहे हो चाचा?
रघु – आजीविका के लिए समीप के बाजार में नौकरी करता हूँ इसलिए जाना आवश्यक है फिर मैं तुमसे शाम को मिलूंगा तब बाते होगी।
(रघु आजीविका के लिए चला जाता है)
परेश (दिनेश को देखते हुए) – प्रणाम दिनेश भैया।
दिनेश – खुश रहो! कैसे हो?
परेश – गांव में एक निश्चित समय के बाद खालीपन आ जाता है सो मैं भी इस समय फुरसत में हूँ।
दिनेश – क्या तुम्हारे इम्तिहान हो गए है?
परेश – हां! इस वर्ष दसवीं की परीक्षा दिया हूँ।
दिनेश – आगे क्या विचार है?
परेश – पढाई के साथ ही आजीविका की आवश्यकता है क्या आप हमारी मदद करेंगे?
दिनेश – मदद अवश्य करता परन्तु———–
परेश – परन्तु क्या?
दिनेश – इस समय दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गिर गयी है।
परेश – मतलब वायु प्रदूषण बढ़ गया है।
दिनेश – हां! अतः वर्तमान समय में दिल्ली में रहना दूभर हो गया है फिर किसी समय तुम्हारे लिए सोचेंगे।
(दूसरा दृश्य)
(शाम का समय रघु बाजार से वापस आकर अपने दरवाजे पर कुर्सी डालकर बैठा हुआ था घूमते हुए दिनेश और परेश का आगमन)
रघु – आओ, दिनेश बैठो परेश तुम भी बैठो।
दिनेश (दूर कही आग जलती देखकर) – लगता है यहां पर भी लोग गेहूं के डंठल को जला रहे है।
परेश – हां भइया! इस सबसे ही हवा जहरीली होकर वायु प्रदूषण का कारण बनती है।
रघु – तुम ठीक कहते हो परेश! इसलिए तो गांव देहात में भी वायु प्रदूषण जनित बीमारी बढ़ रही है।
परेश – लेकिन! दिनेश भइया, दिल्ली में खेती नहीं होती है तो भी वहां वायु प्रदूषण कैसे फ़ैल रहा है?
दिनेश – वहां पर जनसंख्या का घनत्व और दिल्ली के आसपास औद्योगिक इकाइयों के साथ दिल्ली से लगे हुए कई राज्य भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।
रघु – क्या दिल्ली की सरकार के साथ लगे हुए राज्य की सरकार इस विषय पर ध्यान नहीं देती है?
दिनेश – सिर्फ सरकार के ध्यान देने से यह समस्या नहीं हल होगी जब तक सभी लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे।
परेश – अब देहात में ही देखिए कई किसानो ने गेहूं के डंठल को जलाते हुए वायु प्रदूषित करने का कार्य किया है क्या इन लोगो को नहीं पता है कि प्रदूषित वायु से फेफड़े की बीमारी के साथ अन्य रोग भी फैलते है?
रघु (दिनेश से) – परेश की बात में दम है।
दिनेश – आज से हम लोग अपनी तरफ से सभी लोगो को किसी भी प्रकार के प्रदूषण के खिलाफ सभी लोगो को जागरूक करने का प्रयास करेंगे।
रघु – हम लोग अपनी तरफ से सभी को जागरूक करने का अवश्य प्रयास करेंगे?
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